भारत की पहली ईकॉमर्स (ecommerce) इकाई इंफीबीम एवेन्यूज (Infibeam Avenues) ने गुरुवार को कहा कि मार्च 2019 को साल की पहली तिमाही में 75 करोड़ रुपये से अधिक का शुद्ध लाभ हुआ है।
वहीं इंफीबीम एवेन्यूज (Infibeam Avenues) ने एक एनएसई फाइलिंग बताया कि 2018 की पहली तिमाही में कंपनी का शुद्ध लाभ लगभग 22 करोड़ रुपये रहा था। वहीं साल 2019 की पहली तिमाही में इंफीबीम एवेन्यूज (Infibeam Avenues) की आय 24.8 प्रतिशत बढ़कर 297.7 करोड़ रुपये हो गई है। जबकि एक साल पहले 2018 की पहली तिमाही में यह 238.4 करोड़ रुपये थी।
वहीं वित्त वर्ष 19 के लिए, इंफीबीम एवेन्यूज (Infibeam Avenues) का शुद्ध लाभ 43 प्रतिशत से बढ़कर 126.9 करोड़ रुपये हो गया, जबकि परिचालन से इसकी आय पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 38.1 प्रतिशत बढ़कर 1,155.5 करोड़ रुपये हो गई।
गौरतलब है कि इंफीबीम एवेन्यूज (Infibeam Avenues) वेब सेवा (web service) और भुगतान समाधान और प्लेटफ़ॉर्म प्रदान करता है। हाल ही में इंफीबीम एवेन्यूज (Infibeam Avenues) ने कहा कि वह अपनी मुख्य वेब सेवाओं (web service) पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखेगा, जो लेन-देन-आधारित राजस्व मॉडल के माध्यम से भुगतान और प्लेटफ़ॉर्म व्यवसायों और पैमाने पर अनुबंध करेगी।
वहीं इंफीबीम एवेन्यूज (Infibeam Avenues) ने एक बयान जारी कर कहा कि “हम भारत और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में वाणिज्य की निरंतर वृद्धि और डिजिटल भुगतान (digital payments) की स्वीकृति के कारण वित्त वर्ष 2020 में विकास की गति को जारी रखने की उम्मीद करते हैं,”
इंफीबीम एवेन्यूज (Infibeam Avenues) के प्रबंध निदेशक विशाल मेहता ने कहा कि,
“अगले तीन वर्षों के लिए, कंपनी ग्राहकों और सरकारों के लिए डिजिटल भुगतान (digital payments), डेटा सेंटर-ए-ए-सर्विस इन्फ्रास्ट्रक्चर (data centre-as-a-service infrastructure) और (सॉफ्टवेयर-ए-ए-सर्विस) प्लेटफॉर्म पर जोर देने के साथ कोर पीआईपी बिजनेस (पेमेंट्स, इन्फ्रास्ट्रक्चर और प्लेटफॉर्म) पर ध्यान केंद्रित करेगी, हम उम्मीद करते हैं कि यह ध्यान हमारे मूल्य प्रस्ताव और महत्वपूर्ण वृद्धि को बढ़ाएगा।”
गौरतलब है कि वित्त वर्ष 2017 में इंफीबीम एवेन्यूज (Infibeam Avenues) के 100,000 से भी कम व्यापारी थे, वहीं अब इंफीबीम एवेन्यूज (Infibeam Avenues) ने अपनी वेब सेवाओं पर 8,00,000 से अधिक व्यापारियों के होने का दावा किया है। वित्त वर्ष 2017 के 12,000 करोड़ रुपये के मुकाबले कंपनी का डिजिटल लेनदेन चार गुना बढ़कर लगभग 49,500 करोड़ रुपये बढ़ गया है। वहीं कंपनी का दावा है कि वह लाभप्रदता के मामले में डिजिटल भुगतान कारोबार में भारत के शीर्ष कंपनियों में शुमार है।