आपको बता दें भारत के सबसे सफ़ल स्टार्टअप में से एक माने जाने वाला Paytm जल्द ही अपने मध्य और जूनियर स्तर पर 500 से अधिक कर्मचारियों की छंटनी करने जा रहा है।
दरसल रिपोर्ट्स की माने तो नोएडा स्थित इस फर्म ने पिछले कुछ दिनों से KYC, O2O, खुदरा और परिवहन टीमों सहित चार मुख्य विभागों में अपने कर्मचारियों की संख्या को कम करने का फ़ैसला किया है।
सूत्रों के अनुसार,
“जूनियर मैनेजर और टीम लीड सहित कई राज्य प्रमुखों को भी अचानक से इस्तीफा देने के लिए कहा गया है। इन लोगों को फर्म दो महीने के एडवांस वेतन की पेशकश कर रही है।”
दरसल साफ़ तौर पर यह कदम कंपनी के खर्चों पर थोडा अंकुश लगाने के उद्देश्य से ही उठाया जा रहा है। वहीँ अटकलें यह भी हैं कि महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश और कुछ दक्षिणी राज्यों में अधिकतम छंटनी दर्ज की जा सकती है। वहीँ सूत्रों का दावा है कि यह छटनी देशभर में की जाएगी।
कई कर्मचारी जिन्होनें हाल ही में ही Paytm ज्वाइन की थी, उन्हें भी One97 Communications and Paytm Services से एक पत्र प्राप्त हुआ, जिसमें उन्हें तुरंत ही नौकरी छोड़ने के लिए कहा गया है। पत्र के अनुसार इन कर्मचारियों को अपने सभी दस्तावेज, सॉफ्टवेयर एक्सेस, पासकोड और अन्य कंपनी कि संपत्तियों को वापस कंपनी में जमा करने के लिए कहा गया है।
इस बीच दिलचस्प यह है कि यह खबर ऐसे वक़्त में आई है जब Paytm ने अपने मौजूदा व कुछ नए निवेशकों के जरिये $1 बिलियन का ताज़ा निवेश प्राप्त किया है। हालाँकि इस्नेमिन Softbank भी शामिल रहा और शायद इसलिए WeWork की गलतियों से सीखते हुए Paytm अब अपने बड़े निवेशकों में से एक Softbank को इस कदम के जरिये खुश करना चाहती है?
इस बीच आपको बता दें कि इस छटनी प्रक्रिया पर बहुत पहले ही विचार कर लिया गया था लेकिन उस वक़्त शायद नेगेटिव कवरेज से बचने के लिए कंपनी की ओर से कोई ऐलान नहीं किया गया था।
इस साल की शुरुआत से शीर्ष स्तर के कर्मचारियों के पलायन के बाद अब मध्य और जूनियर स्तरों पर बड़े पैमाने पर छंटनी हो रही है। आपको बता दें इससे पहले भी कंपनी से कई CXO स्तर के कर्मचारियों जैसे कि किरण वासिरेड्डी, नितिन मिश्रा, दीपक मठाधीश, सुजीत मिश्रा और नितिन सागर बाहर जा चुकें हैं।